आईएएस अशोक खेमका का छलका दर्द, कहा- सेवा नहीं, व्यापार हो गई गवर्नेंस


हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका अपने 53वें तबादले से बेहद आहत हैं। उन्होंने बीते छह दिसंबर को सीएम मनोहर लाल को अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने जहां भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं, वहीं गवर्नेंस को लेकर भी कटाक्ष किया है। 


पत्र के अनुसार खेमका ने सीएम मनोहर लाल से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने और निजी तौर पर मुलाकात करने की इजाजत मांगी है। पत्र में लिखा गया है कि गवर्नेंस अब सेवा नहीं रही, व्यापार हो गई है। भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई को लेकर दिखावा हो रहा है। एक भी भ्रष्ट अफसर पर कड़ा एक्शन नहीं हुआ। 
लाइसेंस के बेनामी रिन्युअल हुए और रैपिड मेट्रो में निजी कंपनियों को बड़ा फायदा पहुंचाया गया। सरकार इस भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम रही। पत्र में उन्होंने अपने तबादले पर भी आपत्ति जताई है। खेमका ने सीएम को लिखा है कि जो उनके तबादले किए जा रहे हैं, नियम अनुकूल नहीं हैं। 

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है। आपके कार्यकाल में चार तबादले हुए, जोकि जनहित में नहीं थे। किसी ने व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्धि के लिए उनके तबादले करवाए। यह न समझा जाए कि मैंने कोई कार्रवाई नहीं की और तबादलों पर मेरी सहमति हो गई है। 
न्यायालयों में सरकार के खिलाफ लड़ना मुश्किल होता है। एसीआर मामले को ही देख लें। हाईकोर्ट में हारने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सॉलीसीटर जनरल को पांच लाख प्रति पेशी में एडवोकेट किया हुआ है। मुझे इस मामले में निरीह बना दिया गया। पत्र में खेमका ने यह भी लिखा है कि उन्हें अब प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं रही। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने की अनुमति दी जाए ताकि निजी तौर पर मुलाकात कर वह अपनी बात रख सकें।